छोटा नागपुर का पठार
छोटा नागपुर का पठार झारखंड और पश्चिम बंगाल राज्य में विस्तृत है छोटा नागपुर पठार से 2 नदियां निकलती हैं।
- दामोदर नदी
- स्वर्णरेखा नदी
- दामोदर नदी अपनी भ्रंश घाटी में बहते हुए पूर्व की ओर में हुगली नदी में मिल जाती है। यह नदी छोटा नागपुर पठार को दो भागों में बांटती है। उत्तरी भाग हजारीबाग पठार और दक्षिणी भाग रांची पठार कहलाता है।
- रांची का पठार भारत में समप्राय मैदान का उदाहरण है।
समप्राय मैदान
पठार का एक ऐसा भाग जहाँ पर टीले नहीं पाए जाते हैं।
- भारत में 3 नदियां भ्रंश घाटी में बहती है।
- नर्मदा
- तापी
- दामोदर
- छोटा नागपुर पठार खनिज की दृष्टि से भारत का सबसे समृद्ध पठार है। इसे भारत का रूर प्रदेश भी कहते हैं।
- छोटा नागपुर पठार के उत्तर पूर्व में राजमहल की पहाड़ियां है।
शिलांग पठार या मेघालय का पठार
- शिलांग कोई स्वतंत्र पठार ना होकर प्रायद्वीपीय भारत के पठार का हिस्सा है।
- यद्यपि शिलांग पठार हिमालय के समीप है लेकिन वास्तव में यह राज महल पहाड़ियों का ही पूर्वी विस्तार है।
- शिलांग पठार के अंतर्गत 5 पहाड़ियां शामिल है।
- गारो (मेघालय)
- खासी (मेघालय)
- जयंतिया (मेघालय)
- मिकिर (असम)
- रेंगमा (असम)
- शिलांग पठार की सबसे ऊंची चोटी नोकरेक जो कि गारो पहाड़ियों के अंतर्गत आता है।
विंध्य पर्वत श्रेणी
- विंध्य पर्वत श्रेणी मालवा के दक्षिण में है। इस पर्वत श्रेणी का विस्तार पूर्ण रूप से मध्यप्रदेश में है।
- विंध्य पर्वत श्रेणी उत्तर भारत और दक्षिण भारत को विभाजित करती है।
- विंध्य पर्वत को पूर्व में भांडेर और कैमूर पहाड़ी के नाम से जाना जाता है। इसके दक्षिण में नर्मदा भ्रंश सतपुड़ा पहाड़ी तापी भ्रंश स्थित है।
सतपुड़ा पर्वत श्रेणी
- सतपुड़ा सतपुड़ा पर्वत भारत का एकमात्र ब्लॉक पर्वत का उदाहरण है। इसके उत्तर में नर्मदा और दक्षिण में ताप्ती भ्रंश घाटी है।
दो भ्रंश घाटीओं के बीच में स्थित पर्वत को ब्लॉक पर्वत कहते हैं।
- सतपुड़ा पर्वत पश्चिम से पूर्व की ओर तीन भागों में विस्तृत है-
- राजपीपला
- महादेव
- महाकाल
- सतपुड़ा पर्वत की सबसे ऊंची चोटी महादेव पहाड़ी पर धूपगढ़ चोटी के नाम से जानी जाती है।
- मैकाल पहाड़ी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित है। इसकी सबसे ऊंची चोटी अमरकंटक चोटी है जहां से नर्मदा और सोन नदी निकलती है।
- पंचमढ़ी हिल स्टेशन धूपगढ़ चोटी पर ही स्थित है। सतपुड़ा पहाड़ी का कुछ भाग गुजरात और महाराष्ट्र जबकि अधिकांश भाग मध्य प्रदेश में है।
दक्कन का पठार
दक्कन का पठार मुख्य रूप से दक्कन ट्रैप से बना हुआ है। इस पठार के अंतर्गत निम्न संरचनाओं को शामिल किया जा सकता है।
- हरीश चंद्र पहाड़ी
- बालाघाट पहाड़ी
- अजंता पहाड़ी
- गविलगढ़ पहाड़ी
- दक्कन दक्कन पठार के अंतर्गत ही दंडकारण्य पठार है, जिसका कुछ भाग उड़ीसा बाकी छत्तीसगढ़ में है।
- दंडकारण्य पठार के अंतर्गत ही बस्तर पठार है जहां पर ट्रेन का भंडार पाया जाता है।
महानदी बेसिन
यह वास्तव में छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित महानदी की घाटी है। महानदी बेसिन का क्षेत्र चावल के उत्पादन के लिए विश्व प्रसिद्ध है।